पटना से पूजा करने रजरप्पा आये दो युवक भैरवी नदी में बहे, बच गयी जान

By | October 7, 2023


आसपास के फल फूल बेचने वाले लोगों ने काफी मशक्कत से दोनों को निकाला

रामगढ़। प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां छिन्नमस्तिका मंदिर स्थित भैरवी नदी के तेज बहाव में बिहार से आये दो युवक फंस गये। दामोदर भैरवी संगम स्थल के पास दोनों युवक बचते बचाते एक गड्ढे में किसी तरह चट्टान को पकड़ा और खड़े होकर जान बचाने की गुहार लगाने लगे। यह देख स्थानीय और मंदिर न्यास समिति के पुजारी ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों युवकों को सकुशल नदी की तेजधार से बाहर निकाला। बिहार के पटना से श्रद्धालुओं की एक टोली आज सुबह मां छिन्नमस्तिका के दर्शन करने के लिए पहुंची थी। जिसमें से एक युवक भैरवी नदी में नहाने के लिए चला गया। इस दौरान चट्टान पर उसका पैर फिसल गया और देखते ही देखते युवक बहने लगा। अपने मित्र को डूबता देख दूसरा युवक उसे बचाने के लिए नदी में कूद गया। और देखते ही देखते दोनों युवक पानी के तेज बहाव में बहने लगे।

युवकों की शोर से बचाने दौड़े लोग
किसी प्रकार उन लड़कों ने नदी से ही बचाओ बचाओ की आवाज लगाने लगे। इसी बीच स्थानीय युवकों की एक टोली और मंदिर न्यास समिति के पुजारी ने आवाज देते हुए युवकों को देखा और नदी के आसपास मौजूद चट्टान को पकड़ने के लिए कहा। किसी तरह दोनों भैरवी नदी संगम के ठीक ऊपर किसी तरह चट्टान को पकड़ने में सफलता पाई। पत्थर को पड़कर खड़े हुए। स्थानीय लोगों के साथ मिलकर मंदिर के पुजारी ने एकता का परिचय देते हुए रेस्क्यू आॅपरेशन शुरू किया।

शायद मां की जितिया व्रत ने बचायी दोनों की जान
रस्सी के सहारे स्थानीय युवक पिंटू भैरवी नदी की तेज धार में दोनों युवकों के पास पहुंचे। फिर एक-एक करके दोनों को रस्सी से बांधकर •ौरवी नदी की तेज धार से निकालकर बाहर ले आए। उनके सकुशल बाहर आने पर वहां मौजूद लोगों ने इतना जरूर कहा कि इनकी माताओं ने दोनों के लिए जितिया का व्रत किया होगा। तभी मां के आशीर्वाद से दोनों की जान बच गयी। मौत के मुंह से निकाल कर आए दोनों युवकों ने मां छिन्नमस्तिका के साथ साथ स•ाी लोगों को धन्यवाद दिया, मनीष और अ•िाषेक बिहार के पटना से यहां पूजा करने के लिए आए थे।

थोड़ी भी चुक होती तो हो जाती अनहोनी
मंदिर के वरिष्ठ पुजारी लोकेश पंडा ने बताया कि बिहार से आए दो युवक अचानक रजरप्पा मंदिर स्थित भैरवी नदी की तेज धार में बहने लगे। हम लोगों के साथ-साथ फूल प्रसाद बेचने वाले स्थानीय लोगों के साथ मिलकर उनका रेस्क्यू किया गया। हालांकि हम लोगों को समय मिल गया और माता का आशीर्वाद था, तभी दोनों युवकों की जान बच गई। पुजारी ने कहा कि अगर थोड़ी सी चूक हुई होती तो अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *