रांची। झारखंड में जनजातीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पहल शुरू कर दी है। राज्य के सरकारी स्कूलों में जनजातीय क्षेत्रीय भाषाओं के पढ़ाई शुरू कराई गई है। फिलहाल वर्ग तीन तक जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई कराई जाएगी। राज्य सरकार ने इसके लिए एक आधार तय किया है। शिक्षा परियोजना से मिली जानकारी के अनुसार उन्हीं स्कूलों में जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई करायी जाएगी जहां पढ़ने वाले 70 फीसदी बच्चे जनजातीय भाषा बोलने वाले हो। स्कूल में पढ़ाई सुचारू रूप से हो सके इसके लिए झारखंड शिक्षा परियोजना ने संबंधित क्षेत्र के जनजातीय भाषाओं के मुख्य शब्दों की डिक्शनरी तैयार करायी है। यह डिक्शनरी बच्चों के पढ़ने और शिक्षकों को पढ़ाने में मददगार साबित होगी। इसके अलावा इन भाषाओं की किताबें भी तैयार की गयी हैं। दोनों ही चीजें जल्द ही उपलब्ध कराई जाएंगी। पढ़ाई के लिए झारखंड शिक्षा परियोजना ने पैटर्न तैयार किया है। इस पैटर्न के तहत वर्ग 1 में बच्चों की पढ़ाई में 70 फीसदी पढ़ाई जनजातीय भाषा 30 फीसदी हिंदी में होगी। वर्ग दो में 50-50 फीसदी के आधार पर पढ़ाई होगी। वर्ग तीन में 70 व 30 फीसदी वेटेज के आधार पर पढ़ाई होगी। वर्ग तीन के ऊपर के बच्चे जनजातीय भाषा की जगह हिंदी और अंग्रेजी की पढ़ाई करेंगे।