रांची | रांची के कांटाटोली फ्लाईओवर का निर्माण दो रैयतों के विरोध के कारण प्रभावित हो रहा था. ये फ्लाईओवर के निर्माण में बाधक बने 2 रैयतों के कब्जे से आज 6 साल बाद अतिक्रमण कर हटाया गया. एचपीसीएल पेट्रोल पंप और वाईएमसीए की बाउंड्री से सटे अतिक्रमण को जुडको ने जिला प्रशासन की मदद से हटाया. इस दौरान पुलिस भी तैनात थी. जैसे ही जुडको की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची, दोनों रैयतों रॉबर्ट मिंज और अनुपम रावना ने विरोध करना शुरू कर दिया. लेकिन इस बार जुडको ने उनकी एक न सुनी और चिन्हित जमीन पर खड़े कई पेड़ों को जेसीबी से उखड़वा के हटा दिया. करीब 210 मीटर से अतिक्रमण हटाया गया.
इससे पहले रैयतों ने जुडको से कब्जा हटाने के लिए समय मांगा. उन्हें समय भी दिया गया. कंपनी दूसरी तरफ फ्लाईओवर का निर्माण करने में लगी रही. इसी दौरान अनुपम रावना ने अपने घर के सामने अधिग्रहित जमीन पर चाहरदीवारी करना शुरू कर दिया. मामले की सूचना मिलने के बाद मंगलवार को जुडको की टीम पहुंची. पुलिस भी आई. रैयत के परिवार ने हंगामा शुरू कर दिया और फिर से जमीन की मापी कराने की मांग शुरू कर दी. पुलिस ने फिलहाल काम करने वाली कंपनी और रैयत दोनों को वहां काम बंद करने को कहा है. इससे पहले पेट्रोल पंप के सामने अधिग्रहित जमीन पर पेड़ों को काटने को लेकर पेट्रोल पंप के मालिक राबर्ट मिंज ने काम करने वाले मजदूरों को धमकाया था.
2018 से 2023 तक कई बार हुई मापी
जुडको का कहना है कि 2018 में ही रैयतों को मुआवजा मिल चुका है, फिर भी वे कब्जा नहीं हटा रहे हैं. वहीं रैयतों का कहना है कि उन्हें मुआवजा नहीं मिला है. कंपनी के एक पदाधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि 2018 से 2023 के बीच कई बार जिला प्रशासन, जुडको और नगर निगम के अमीन की टीम बनाकर जमीन की मापी की गई. हर बार दोनों रैयत जमीन मापी कराने की मांग शुरू कर काम को प्रभावित कर देते हैं. कंपनी का काम सिर्फ निर्माण से संबंधित है. रैयतों के मुआवजा से संबंधित काम जिला प्रशासन और भू-अर्जन विभाग देखती है. ये लोग वहां अपनी बात नहीं रखकर सरकारी काम में बाधा डालकर विकास को बाधित कर रहे हैं.