Ranchi : टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ब्रांच रांची भीखन गंझू को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. पूछताछ के दौरान टीपीसी संगठन को लेवी देने वाले कंपनियों और लोगों के नाम का खुलासा होने की उम्मीद है. बता दें कि उग्रवादी संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के मोस्ट वांटेड कमांडर दस लाख के इनामी भीखन गंझू को पिछले दिनों रांची पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
भीखन एनआइए का भी मोस्ट वांटेड है
चतरा जिले के पिपरवार थाना क्षेत्र में रहने वाला टीपीसी उग्रवादी भीखन गंझू एनआईए की रडार पर था. एनआईए ने भीखन गंझू पर टेरर फंडिंग के मामले में (कांड संख्या आरसी 05/2019/ और आरसी 06/2018) केस दर्ज किया है. बता दें कि मगध आमप्राली कोल परियोजना में टेरर फंडिंग, उग्रवादी परमेश्वर गंझू के यहां से लेवी राशि की बरामदगी व पूर्णिया आर्म्स रैकेट केस में एनआइए भीखन की तलाश कर रही थी.
सैनिक, रेड्डी, आधुनिक और सुदेश केडिया देते हैं संगठन को लेवी
टीपीसी के जोनल कमांडर भीखन गंझू ने पुलिस को दिये स्वीकारोक्ति बयान में उन लोगों और कंपनियों के नाम का खुलासा किया था, जो संगठन को लेवी देते हैं. इसके साथ ही भीखन ने पुलिस को यह भी जानकारी दी है कि संगठन का कौन-कौन आदमी लेवी वसूलता है. लेवी की वसूली चतरा के टंडवा, पिपरवार और रांची के खलारी इलाके से की जाती है. संगठन को प्रति माह करोड़ों रूपये लेवी के रूप में मिलते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, भीखन गंझू ने पुलिस को बताया है कि कोयला का कारोबार करने वाली कंपनी सैनिक कंपनी का मंगल सिंह संगठन को लेवी देता है. इसी तरह रेड्डी कंपनी का शिवा रेड्डी लेवी की रकम संगठन का उपलब्ध कराता है. खलारी निवासी शंकर यादव और लातेहार के बालूमाथ का रहने वाला दिलेश्व खान भी संगठन को लेवी पहुंचाता है.
कारोबारी सुदेश केडिया लेवी देने वालों में सबसे बड़ा नाम
टीपीसी संगठन को लेवी देने वालों में सबसे बड़ा नाम रांची का कोयला कारोबारी सुदेश केडिया का है. जिसे एनआइए ने टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. फिलहाल वह जमानत पर हैं और कई कंपनियों के लिये रेलवे रैक के जरिये कोयला ट्रांसपोर्टिंग का काम करते हैं. सुदेश केडिया के अलावा उनकी कंपनी के अभिषेक कुमार औऱ समीर बनर्जी का नाम भी भीखन गंझू ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में लिया है. भीखन गंझू ने पूछताछ के दौरान पुलिस को यह जानकारी भी दी है कि पिपरवार में कमेटी के जरिये लेवी की वसूली की जाती है. पिपरवार का ही ताजूद्दीन अंसारी उर्फ ताज मियां कमेटी का पैसा संगठन तक पहुंचाता है. भीखन गंझू ने दो दर्जन से अधिक उग्रवादी घटनाओं में अपनी संलिप्तता की बात कबूल की है. इसके साथ ही लेवी वसूली को लेकर टीपीसी संगठन द्वारा की गई घटनाओं के बारे में भी जानकारी दी है.