संविधा अवधि बढ़ाने की मांग पर अनुबंध सहायक प्राध्यापक गए हड़ताल पर

By | July 28, 2022

30 सितंबर को खत्म हो रहे अनुबंध को आगे बढ़ाने व नियमावली बनाने की मांग

रांची। राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत अनुबंध सहायक प्राध्यापक अपनी मांगों को लेकर आज से हड़ताल पर चले गए है। राज्य के 8 विश्वविद्यालयों में करीब आठ सौ अनुबंध शिक्षक कार्यरत हैं। झारखंड सहायक प्राध्यापक (अनुबंध) संघ के बैनर तले शुरू किए गए आंदोलन में राजभवन के समक्ष हड़ताल किया जा रहा है। अनुबंध सहायक प्राध्यापक का कहना है कि 30 सितंबर को हमारी संविदा समाप्त हो रही है। हमारी मांग है कि सभी शिक्षकों का कांट्रैक्ट की अवधि 30 सितंबर से बढ़ा कर और मानदेय निर्धारित किया जाए। इससे पहले भी वर्ष 2019 में आंदोलन किया गया था। 2021 में भी प्राध्यापकों ने सत्याग्रह किया गया था। तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के अश्वासन के बाद सत्याग्रह समाप्त किया गया था। 2018 में योग्यता के आधार पर घंटी आधारित सहायक प्रध्यापकों की बहाली हुई थी। इसके लिए कुलपति की अध्यक्षता में कमेटी बनी थी। इसमें विश्वविद्यालय के बाहर के विषेशज्ञ भी शामिल थे। पहले इन प्राध्यापकों की कार्य अवधि 31 मार्च को समाप्त होने वाली थी। जिसे बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया था। प्राध्यापकों की मांग है कि झारखंड सरकार के संकल्प संख्या जो दो मार्च 2017 को जारी की गयी थी। उसके आधार पर नियुक्त घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों को नियमित करने के लिए नियमावली बनायी जाय। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के रेग्यूलेशन के आधार पर न्यूनतम ग्रेड पे, ग्रैस वेतनमान तक प्रदान की जाय, जब तक नियमित बहाली को लेकर नियमावली नहीं बन जाती है। टर्मिनेट अथवा डिस कंटीन्यू किये गये घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों की सेवा को बरकरार रखा जाय। सहायक प्रोफेसर नियुक्ति नियमावली 2021, यूजीसी रेग्यूलेशन 2018 में सहायक प्रोफेसरों के पद को लेकर देय अंक तथा डॉक्टरेट की उपाधि रखने वाले अनुभवी प्राध्यापकों को शैक्षणिक कार्य में प्राथमिकता और वरीयता प्रदान की जाय। संघ के शिक्षक नेताओं का कहना है कि झारखंड में सहायक प्राध्यापक के 4566 पद हैं। इनमें से 3064 पद रिक्त हैं। झारखंड लोक सेवा आयोग की तरफ से सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति दो बार की गयी है। फिर भी 1701 पद अब भी खाली पड़े हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *