नववर्ष पर पर्यटकों को बुला रही है केरेडारी क्षेत्र की हसीन पर्यटन स्थल

By | December 31, 2021

केरेडारी प्रखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में पर्ययक स्थल नव वर्ष में सैलानियों को आकर्षित कर रही है

केरेडारी । केरेडारी प्रखण्ड के क्षेत्रों में पर्यटक स्थल नव वर्ष में पर्यटकों को स्वागत और दीदार के लिए तैयार है। इनके प्राकृतिक वादियां लोगो को अपनी ओर बरबस आकर्षित करने को बेताब दिख रही है। साथ हीं क्षेत्र का विख्यात घाघरा जल प्रपात से नववर्ष की शुरुआत करना केरेडारी प्रखंडवासियों की पहली पसंद मानी जाती है। इसी कारण नववर्ष पर सैकड़ों की संख्या में लोग घाघरा जल प्रपात को देखने के लिए पहुंचते है। झारखंड निर्माण के 21 साल बाद भी बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र के केरेडारी के पर्यटक स्थलों का विकास नहीं हो पाया। पर्यटक विभाग द्वारा कभी इस और ध्यान नहीं दिया। जब की इस क्षेत्र में छत्तीसों माता स्थान,घाघरा जल प्रपात, कोती झरना, व कण्डाबेर मां अष्टभुजी मंदिर जैसे पर्यटक स्थल हैं।

कण्डाबेर मां अष्टभुजी मंदिर :- केरेडारी प्रखण्ड मुख्यालय से 20 किमी दूर जंगल व पहाड़ों के बीच पश्चिमी उत्तरी छोर पर स्थित है – कण्डाबेर मां अष्टभुजी मंदिर। नवरात्र में विशेष पूजन पद्धति एवं फूल चढ़ाने की परंपरा से माता स्थान की प्रसिद्धि है। बताया जाता है कि कण्डाबेर स्थित मां अष्टभुजी नि:संतानों को संतान एवं हारे हुए लोगों को विजय देती हैं।

घाघरा जल प्रपात :- प्रखंड मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर स्थित हेवई पंचायत में घाघरा डैम प्राकृतिक सौंदर्य का मानो पर्यटकों के लिए अनुपम सौगात हो। यहां की वादियां नव वर्ष में लोगों को बारंबार नववर्ष ज्यादा अपने ओर आकर्षित करती हैं। वैसे यहां पर सैलानियों के आना जाना सालों भर लगा रहता है।

कोती झरना :- प्रखंड के पूर्वी दक्षिणी क्षेत्र में सालों भर झरने का शीतल पानी बहता रहता है। ये क्षेत्र उग्रवाद प्रभावित होने के बावजूद भी कोती झरना में पिकनिक मनाने पहुंचते है। इस झरने की खासियत ये है कि यहां दो तरफ पहाड़ों से पानी गिरता हैं। इसके एक ओर का निर्मल जल मीठा और दूसरे ओर के पहाड़ से नमकीन पानी पहुंचता है। इसका स्वाद चखने के लिए भी लोग पहुंचते है। उक्त झरने में गर्मी के दिनों में जल स्तर बढ़ जाना भी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती है।

छत्तीसों माता स्थान :-

यह धार्मिक सह रमणीय स्थल प्रखण्ड मुख्यालय से महज किलो मीटर दूर गरी कलां ग्रामपंचायत के पतरा कलां जंगल में स्थित है! चारो तरफ पहाड़ो जंगलों से घिरा है! यहां सैकड़ो श्रद्धालु सैलानी पूजा अर्चना और प्रकृति की विशेष दृश्य का अवलोकन करने सालों भर आते रहते हैं!

कुम्हरिया डैम : -. इस डैम की सुंदरता अदभुक्त है! यह डैम दोनों ओर से पहाड़ो से घिरा है! डैम के दोनों छोर पर पहाड़ होने के कारण सूर्य उदय का दृश्य काफी मनमोहक नजारा पेश करता है!

 चुंदरू की नक काशीदार चट्टाने : - हजारीबाग जिला के केरेडारी और चतरा जिला के टंडवा प्रखण्ड के सरहद पर स्थित चुंदरू धाम के साथ साथ स्लैनियो के लिए आकर्षण का विशेष महत्व रखता है! लोग इस धार्मिक रमणीय स्थल का नजारा लेने और पूजा पाठ के लिए सैकड़ों की तादाद में सालो भर आते रहते हैं!

क्या कहते हैं झामुमो के केंद्रीय सचिव सह झामुमो के बड़कागांव विधानसभा प्रभारी संजीव बेदिया : - मै बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र के पर्यटन स्थलों के राज्य सरकार से पहचान दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास रत हूं! मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन को क्षेत्र के सभी पर्यटक स्थलों के विकाश के लिए खाका तैयार कर अवगत कराया हूं! जल्द ही इन पर्यटक स्थल का चहुंमुखी विकास किया जाएगा! ऐसा मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है!

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