Ranchi : कोरोना के कारण झारखंड में लगभग दो साल तक स्कूल बंद रहे हैं. अब धीरे – धीरे स्कूलों की पढ़ाई ऑफलाइन हो रही है. हालांकि कई जगहों पर अभी भी CBSC स्कूलों में कक्षा 1 से लेकर 6 तक के विद्यार्थी स्कूल नहीं जा रहे हैं. उनकी कक्षाएं अब भी ऑनलाइन जारी हैं. लेकिन राज्य़ के सभी सरकारी स्कूल कक्षा 1 से उपर खुल चुकी है. सरकारी स्कूलों में पढ़ाई ऑफलाइन हो गयी है.
इस बीच सबसे अधिक बड़ी चुनौती विद्यार्थियों में समझ को लेकर देखने को मिल रही है. विद्यार्थियों की समझ ऑनलाइन कक्षा से कम हो गई है. शिक्षकों ने कहा कि अभिभावकों की मांग है कि उम्र के अनुसार विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दी जाए. लेकिन जब विद्यार्थियों से प्री -टेस्ट ली जा रही है तो प्री -टेस्ट में भी विद्यार्थी फेल हो रहे हैं. इसके अलावा विद्यार्थियों में लिखने की क्षमता भी तेजी से कम हुई है.
विद्यार्थी पहले की तरह लिख नहीं पा रहे
एच एम पब्लिक स्कूल चुटिया के प्राचार्य अरविंद कुमार ने बताया कि विद्यार्थी पहले की तरह लिख नहीं पा रहे है. पहली कक्षा से लेकर छठी कक्षा के विद्यार्थी लिखना भी भूल चुके है. जबकि छठी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों में लिखने की गति काफी धीमी हो गई है. इसके अलावा स्पेलिंग मिस्टेक काफी देखने को मिल रहा है.
शिक्षकों ने क्या कहा सुनिये
शिक्षक वासुदेव सिंघा ने बताया कि लॉकडाउन के कारण सारे शैक्षणिक संस्थान लगभग दो सालों तक बंद रहे. जिसे शिक्षण-प्रक्रिया बाधित हुई. ज्ञान के निर्बाध प्रसार को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय तक समस्त शैक्षणिक संस्थानों को वैकल्पिक शैक्षणिक ऑनलाइन माध्यम अपनाना पड़ा है. इसमें डिजिटल लर्निंग, ई-लर्निंग ने अहम भूमिका निभाई.