सरयू राय ने काजग प्रस्तुत कर स्वास्थ्य मंत्री के प्रोत्साहन राशि नहीं लेने का राज खोला

By | April 16, 2022

सरयू राय ने काजग प्रस्तुत कर स्वास्थ्य मंत्री के प्रोत्साहन राशि नहीं लेने का राज खोला, कहाहेडिंग- मंत्री बन्ना गुप्ता का पहले के आदेश रद्द करने की घोषणा लफ्फाजी है59 कर्मियों के कोविड प्रोत्साहन राशि का विपत्र प्रोजेक्ट बिल्डिंग कोषागार में पहुंचा था31 मार्च को रात को सर्वर धीमा और रिजर्व बैंक सर्वर बंद होने से नहीं मिली राशि
रांची। विधायक सरयू राय के आरोप का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने स्पष्ट किया था कि वह कोविड प्रोत्साहन राशि नहीं लिये है। इसके जवाब में सरयू राय ने एक बार फिर से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर जोरदार हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री से उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है। सरयू राय ने कागजी दस्तावेजों के पुलिंदे के साथ मंत्री बन्ना गुप्ता को जवाब दिया है। उन्होंने बतायाा कि स्वास्थ्य मंत्री कोषांग के अन्य 59 कर्मियों के कोविड प्रोत्साहन राशि का विपत्र स्वास्थ्य विभाग से सरकार के प्रोजेक्ट बिल्डिंग कोषागार में 31 मार्च को रात 9 बजे भूगतान करने के लिये पहुंचा। इस पर कोषागार ने भूगतान की स्वीकृति दे दी। लेकिन ऐन वक्त पर रिजर्व बैंक का सर्वर बंद होने से कोरोना फंड की प्रोत्साहन राशि नहीं निकल पायी। यह भूगतान मंत्री बन्ना गुप्ता एवं अन्य कर्मियों के बैंक खाता में भेजने के लिये झारखंड सरकार के वित्त विभाग के कम्प्युटराइज्ड पीएमयु (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट) के पास चला गया। इधर, मार्च लूट पर अंकुश लगाने के लिये भारत के रिजर्व बैंक ने शख्त हिदायत दी थी कि रात के 11 बजे के बाद वह कोई भी भूगतान करने की इजाजत नहीं देगा और रिजर्व बैंक ने अपना सर्वर 31 मार्च की रात 11 बजे बंद कर दिया।

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सर्वर बंद होने से लैप्स हो गया मंत्री की प्रोत्साहन राशि31 मार्च को झारखंड सरकार के पीएमयु पर बोझ बढ़ जाने के कारण उसका सर्वर धीमा हो गया और मंत्री एवं उनके कोषांग के कर्मियों का भूगतान पीएमयु का सर्वर रिजर्व बैंक के सर्वर में रात 11 बजे तक नहीं भेज पाया। रात के ठीक 11 बजे रिजर्व बैंक ने अपना लेनदेन सर्वर बंद कर दिया। जिस कारण प्रोत्साहन राशि का पैसा सरकार के कोषागार से मंत्री बन्ना गुप्ता और उनके कोषांग के अन्य कर्मियों के बैंक खाता में स्थानांतरित नहीं हो पाया।सरयू ने कसा तंज, मजबूरी का नाम महात्मा गांधीमजबूरी का नाम महात्मा गांधी वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए बन्ना गुप्ता अब कह रहे हैं कि नैतिक आधार पर वे प्रोत्साहन राशि का भूगतान नहीं लेंगे। चूंकि गत 31 मार्च को वित्तीय वर्ष समाप्त हो गया और बन्ना एवं अन्य के बैंक खाता में स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजी गई प्रोत्साहन राशि काल बाह्य होकर व्ययगत (लैप्स) हो गई। इसलिए बन्ना अब सिर पटक कर रह जाएं तब भी प्रोत्साहन राशि का यह पैसा उनके बैंक खाता में नहीं पहुंच पायेगा।
मंत्री का पहले के आदेश रद्द करने की घोषणा लफ्फाजी हैइस प्रकार अपना पहले का आदेश रद्द करने की उनकी घोषणा भीलफ्फाजी है। उन्होंने प्रोत्साहन राशि लेने का जी तोड़ प्रयास किया। उनके अधिकारी कोषागार कर्मियों के सामने नाक रगड़ते रह गये, पर विलंब से विपत्र भेजे जाने, राज्य सरकार का सर्वर धीमा हो जाने, रात 11 बजे के बाद रिजर्व बैंक का सर्वर बंद हो जाने के कारण प्रोत्साहन राशि इनके बैंक खाता में नहीं जा पाई। एक अप्रैल से वित्तीय वर्ष बदल जाने के कारण यह राशि लैप्स हो गई।

छटपटाहट और गलतबयानी सजा से छुटकारा नहीं दिला सकतीसरयू ने दावा किया कि भूगतान संबंधी समस्त वित्तीय एवं विभागीय प्रक्रियाओं में स्वास्थ्य विभाग की संबंधित संचिका पर स्वास्थ्य मंत्री के नाते बन्ना के हस्ताक्षर हैं। प्रोत्साहन राशि के विपत्र भूगतान के लिए कोषागार भेजे जाने वाली स्वास्थ्य विभाग की संचिका पर भी इनके हस्ताक्षर हैं, इन्होंने इसे संपुष्ट किया है। इसलिये इस मामले में उनका अपराधिक षड्यंत्र साबित हो जाता है। वे चाहकर भी इस वित्तीय अपराध से बच नहीं सकते, मुक्त नहीं हो सकते। उनकी छटपटाहट और गलतबयानी उन्हें सजा से छुटकारा नहीं दिला सकती।
छुट्टी के दिन कार्यालय खोलकर संचिका से छेड़छाड़गत 14 अप्रैल को छुट्टी के दिन स्वास्थ्य विभाग का कार्यालय खोलकर संचिका में छेड़छाड़ की नीयत से इन्होंने प्रयास किया है कि विभाग से राजकीय कोषागार में विपत्र भेजने के प्रमाण ये स्वास्थ्य विभाग की संचिका से गायब करा दें। पर ऐसा कर वे एक और अक्षम्य अपराध कर रहे हैं।
सीएम बर्खास्त करे और एसीबी से जांच करायसरयू राय ने कहा कि नैतिकता की बात करते हैं तो बन्ना को चाहिये कि वे अपना अपराध स्वीकार कर लें, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इसकी सजा निर्धारित करने के लिए कहें और सजा स्वीकार करने की मानसिकता बनायें। सरयू ने कहा कि बन्ना ऐसा नहीं करते तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बन्ना गुप्ता को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करें और इनके विरूद्ध एसीबी से जांच कराएं।

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