रांची | राजधानी समेत पूरे राज्य में महिलाओं ने पति की लंबी आयु के लिए शुक्रवार को वट सावित्री का व्रत रखा है। इसी क्रम में महिलाओं ने उपवास रखा और शुक्रवार सुबह बरगद के पेड़ के पास पूजा-पाठ की। फिर इसकी परिक्रमा भी की।
इसी क्रम में सुहागिनों ने पूजा की। उन्होंने पूजा-पाठ कर पेड़ की परिक्रमा की। फिर पेड़ के चारों ओर सुहागिनों ने कलेवा बांधा और पति की लंबी उम्र की कामना की। वे अब अगले दिन उपवास तोड़ेंगी।
शास्त्र के अनुसार, सावित्री ने अपने पति सत्यवान के जीवन को यमराज (मृत्यु के देवता) से वापस मांग लिया था। तभी से महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना से यह व्रत करती हैं। पति के जीवन से परेशानी दूर करने की मन्नत मांगती हैं।
आधुनिकता के नाम पर एक तरफ भारतीय सनातन समाज में कुछ लोग अपनी भाषा,संस्कृति, धर्म और परंपरा को छोड़ रहे है. दूसरी तरफ आज भी कुछ लोग अपनी भाषा, संस्कृति, धर्म और परंपराओ को जिंदा रखने की कोशिश कर रहे हैं. इसी सिलसिले में जेठ महीने की शुक्ल अमावस्या तिथि को वट सावित्री की पूजा की जाती है. शुक्रवार को उक्त तिथि पर सनातनी विवाहित महिलाओं ने अपने पति की दीर्घायु की कामना के लिए पूजा की. सती सावित्री ने इसी दिन व्रत और तपस्या के बल पर यमराज को संतुष्ट करके अपने पति सत्यवान को पुनर्जीवित किया था.