शहीद निर्मल महतो की 72 वीं जयंती पर मुख्यमंत्री ने उलियान में दी श्रद्धांजलि
जमशेदपुर। शहीद निर्मल महतो की 72 वीं जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री आज जमशेदपुर के उलियान पहुंचे। वहां निर्मल महतो की प्रतिमा पर माला चढ़ाया और और फिर समाधि स्थल पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इससे पहले सोनारी एयरपोर्ट पहुंचने पर जिला प्रशासन की ओर से गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया। इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज का दिन सभी के लिए ऐतिहासिक दिन रहा है। एक ऐसे महापुरुष को याद करने के लिए हमलोग एकत्र हुए है। जिनके बताये रास्ते पर चल कर हमलोगों ने झारखंड अलग राज्य बनाया है। उन्होंने ने ही झारखंड अलग राज्य का आंदोलन की शुरूआत की थी। इस राज्य का वजूद यूं ही नहीं बना। किसी ने थाली में सजाकर इस राज्य को नहीं दिया। इस राज्य के लिए कई लोग शहीद हुुए, कई महिलाएं विधवा हो गयी। सिर्फ इस राज्य में ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों में भी झारखंड के लोगों का नाम है। शहीद निर्मल महतो का नाम इतिहास के पन्नों पर दर्ज होना चाहिए था। लेकिन आदिवासियों और दलितों को पूछता कौन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब समय में बदलाव हो रहा है। आज भी जो सामंती सोच और शोषण वर्ग है, जिसके खिलाफ हमारे पूर्वजों ने लोहा लिया था। वह झारखंड से आज भी खत्म नहीं हो पाए। ऐसे लोग अलग अलग तरीके से आदिवासियों एवं दलितों का शोषण किया,जो आज भी जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी-कभी यह सामंती सोच वाले लोग उच्च पद पर चले जाते हैं, फिर आदिवासियों व दलितों के लिए और भी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि आज महंगाई कर गरीबों को लूटा जा रहा है। 5 रूपये का प्लेटफार्म टिकट 50 रूपये हो गया। रेलवे और रेलवे स्टेशनों को बेचा जा रहा है। आदिवासियों और दलितों का अस्थित्व समाप्त करने की साजिश चल रही है। सरना कोड का प्रस्ताव एक साल से केंद्र के पास पड़ा है लेकिन इस पर भाजपा वाले कोई बात नहीं करते है। उन्होंने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है जहां आदिवासी और दलित के बच्चों को विदेश में पढ़ने के लिए राज्य सरकार पैसा देती है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री परिवहन मंत्री चंपई सोरेन, बहरोगोड़ा विधायक समीर मोहंती, इचागढ़ विधायक सविता महतो, घाटशिला विधायक रामदास सोरेन, जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी के अलावा पार्टी के नेता मौजूद थे।
कई लोग शहीद और महिलाएं विधवा हो गयी तब मिला झारखंड : मुख्यमंत्री
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