रांची। राज्य के सरकारी स्कूलों के पुरुष शिक्षकों का गृह जिले में तबादला नहीं हो सकेगा। स्थानांतरण संशोधित नियमावली के अनुसार राज्य सरकार दूसरे जिलों में कार्यरत शिक्षकों को अपने गृह जिला में आने का अवसर नहीं देने जा रही है। यह मौका केवल सरकारी सेवा वाले पति-पत्नी, महिला, दिव्यांग और असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षकों को ही मिल सकेगा। नियमवाली को विधि विभाग की मंजूरी के बाद कार्मिक विभाग की सहमति के लिए भेजा गया है। कार्मिक विभाग से आने के बाद उसे कैबिनेट भेजा जाएगा। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की स्थानांतरण नियमावली 2019 में तैयार की गई थी। इसमें जिले के अंदर ही पांच जोन में शिक्षकों का तबादला किया जाना था। शिक्षक संगठन लगातार शिक्षकों को अंतर जिला स्थानांतरण का मौका देने की सरकार से मांग कर रहे थे। इसके लिए वर्तमान में सरकार ने नियमावली में संशोधन करने का एलान किया और अब सभी शिक्षकों को इसका लाभ मिलता नहीं दिख रहा है। राज्य के प्रारंभिक स्कूलों के करीब 7400 शिक्षक ऐसे हैं जो दूसरे जिलों में कार्यरत हैं। वे अपने गृह जिला में लौटना चाहते हैं। इसमें कुछ ही शिक्षकों का गृह जिले में अंतर जिला स्थानांतरण हो सकेगा। महिला शिक्षिका अपने गृह जिले में आ सकेंगी लेकिन पुरुष शिक्षकों को यह अवसर नहीं मिलेगा। वैसे शिक्षक जिनके पति या पत्नी राज्य या केंद्र सरकार की सेवा में हैं उन्हें दूसरे जिलों में एक बार तबादला का अवसर मिलेगा। यदि कोई शिक्षक असाध्य रोग से पीड़ित हैं तो उसे अपने गृह जिले में तबादले का मौका मिल सकेगा।
सरकारी स्कूलों के पुरूष शिक्षकों का गृह जिले में नहीं हो सकेगा तबादला
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