जमशेदपुर। गुरु नानक उच्च विद्यालय में आज अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर ऐतिहासिक तथ्यों को रखते हुए 21 फरवरी 1952 को बांग्लादेश के भाषाई नीति आंदोलन के दौरान शहीद हुए छात्रों नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। विद्यार्थियों को शपथ कराया गया कि वे अपनी मातृभाषा का सम्मान करेंगे और घरों में ज्यादा से ज्यादा व्यवहार में लाएंगे। भाषा को ईश्वरीय देन माना गया और कहा गया कि यह लोगों को समाज को देश को दुनिया को जोड़ने में महत्वपूर्ण कड़ी का काम करती है। बताया गया कि जन्म के बाद जो हम भाषा बोलते हैं वही हमारी मातृभाषा है। हमारा सौभाग्य है कि भारत देश में पैदा हुए हैं जहां की विविध भाषाई, धार्मिक, सांस्कृतिक इसे दुनिया में नायाब बनाती है। विविधता में एकता ही इसे खूबसूरती प्रदान करती है। भारत में 1395 भाषाएं बोली जाती है। गुरुवर रविंद्र नाथ टैगोर की रचना एकला चलो के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास तथा पंडित भीमसेन जोशी की रचना, मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा देश की विविधता में एकता को दर्शाता गया है। कार्यक्रम में छात्रा दीपिका चक्रवर्ती, शिक्षिका श्वेता त्रिपाठी, शिक्षिका चरणजीत कौर, शिक्षिका रंजीत कौर ने विचार रखे। छात्रा गुड़िया कुमारी व कोमल कुमारी एवं समूह ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुत की।