रांची : रांची के हिनू इलाके की रहने वाली गीता देवी के द्वारा घर का रास्ता दिए जाने के लिए दाखिल किये गए क्रिमिनल रिट पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान रांची डीसी और एसएसपी अदालत के समक्ष उपस्थित हुए. अदालत ने रांची नगर निगम को विवादित बाउंड्री तोड़कर प्रार्थी को रास्ता देने का निर्देश दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी.
प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता प्रतिवादी के साथ पुलिस की मिलीभगत
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि इस मामले के प्रतिवादी अजय कच्छप जो की लैंड ब्रोकर हैं उनके साथ पुलिस की मिलीभगत है. प्रार्थी के अधिवक्ता शशांक शेखर के मुताबिक सुनवाई के दौरान अदालत ने रास्ता का भौतिक निरिक्षण करने के लिए दो प्लीडर कमिश्नर नियुक्त किये हैं. हाईकोर्ट ने इस मामले के एक प्रतिवादी को हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय में 5000 रुपये जमा करने का निर्देश दिया है. उक्त राशि का भुगतान प्लीडर कमिश्नरों को किया जायेगा. इसके साथ ही अदालत ने रांची एसएसपी और रांची नगर निगम के अधिकारीयों को विवादित जगह का निरिक्षण करने के दौरान सुरक्षा एवं अन्य व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया है.
25 मार्च को अगली सुनवाई होगी
अदालत ने प्लीडर कमिश्नर को स्थल निरीक्षण कर सिलबंद लिफ़ाफ़े में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था. जिसके बाद पलिडर कमिश्नर ने कोर्ट के समक्ष अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. कोर्ट ने रांची नगर निगम को भी इस मामले में पार्टी बनाया है. हटिया डीएसपी द्वारा एफिडेविट दायर किया गया है जिसमें यह कहा गया है कि उक्त भूमि पर कोई रास्ता नहीं है और यह सरना समिति की ज़मीन है. अदालत ने अब इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 मार्च की तारीख मुकर्रर की है. मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की कोर्ट में हुई.