गौतम बुद्ध महानतम आध्यात्मिक गुरुओं में से एक थे : रामेश्वर उरांव

By | May 4, 2023


मंत्री के बरियातू आवास पर •ागवान गौतम बुद्ध की जयंती उत्सव मनायी गयी

रांची। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर वित्तमंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के बरियातू आवास पर भगवान गौतम बुद्ध की जयंती उत्सव मनाया गया। वित्त मंत्री ने सपरिवार पुत्र रोहित प्रियदर्शी उरांव, पुत्री श्रीमती निशा उरांव, दामाद आशिष सिंघमार, सचिव रंजीत सिन्हा एवं पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे, उपाध्यक्ष लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं महासचिव डॉ राजेश गुप्ता छोटू, मो. जिन्ना, ललित नारायण मिश्रा, छोटानागपुर बौद्ध सोसायटी के सैंकड़ों बुद्ध के अनुयायियों के साथ विधिवत भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना की। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध की प्रतिमा पर भक्तों ने नया वस्त्र पहनाया गया। 108 दीप जलाये, दार्जिलिंग से आये दावा लामा, सोनम लामा, बुद्धा सागर लामा, थिम्पू लामा ने विधिवत पूजा अर्चना कराया। बौद्धि वृक्ष को खदा झंडे से सजाया गया। इस मौके पर मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध महानतम आध्यात्मिक गुरुओं में से एक थे। भगवान बुद्ध ने पूरी दुनिया को करुणा और सहिष्णुता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उनके द्वारा दिए गए उपदेश, संदेश और विचार मनुष्यों को नैतिक मूल्यों के अलावा संतोष पर आधारित जीवन जीने की दिशा में प्रेरणा करने के लिए प्रेरित करते हैं। गौतम बुद्ध के द्वारा दिए गए उपदेशों में बताया गया है कि बुराई से बुराई कभी खत्म नहीं होती है, घृणा को तो केवल प्रेम द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है। गौतम बुद्ध ने कहा मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती है, उसी प्रकार मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता। डॉ उरांव ने कहा कि खुशी रोशनी के समान है जिसे आप दूसरों को देंगे उतना ही बढ़ेगा जैसे कि एक जलता हुआ दीप हजार दीप जलाकर रोशनी फैला सकता है। लेकिन इससे उसकी रौशनी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है वैसे ही खुशियां बांटने से बढ़ती हैं। पूजन कार्यक्रम में झारखंड गोरखा संगठन एवं छोटानागपुर सोसायटी के पदाधिकारी सुमन प्रधान, धीरज राय, ज्योति राई, नवनीत प्रधान, परिणिता लामा, रत्ना गोथी, सपना राई, मुन्ना गुरुंग, कृष्णा लिंबू, इंद्र बहादुर गुरुंग, मिथिला सिंह राई, दीपाली राई, छाया थापा तथा माहेश्वरी राई मुख्य रूप से उपस्थित थे। बोधगया से विशेष रुप से पधारे लामा डॉ पूर्णेन्दु प्रियदर्शी ने बोधगया का पवित्र जल प्रसाद के रुप में लेकर आये थे।

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