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रांची में बर्ड फ्लू की दस्तक, अलर्ट जारी

by Gandiv Live
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रांची- झारखंड में कई जिलों में बर्ड प्लू (एवियन इंफ्लुएंजा) का खतरा मंडराने लगा है। बोकारो के चास में बर्ड फ्लू के कारण करीब 4,000 मुर्गियों और बत्तखों को मारे जाने के मात्र एक सप्ताह बाद रांची में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। इसको लेकर पशुपालन विभाग के डायरेक्टर ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि करमटोली के पास देसी मुर्गियों की मौत की वजह बर्ड फ्लू है। प्रभावित इलाके में सर्वे कराया जाएगा और एहतियात के तौर पर जरूरी फैसले लिए जाएंगे। अभी तक रांची में कितनी मुर्गे मुर्गियों औऱ बत्तख में बर्ड प्लू फैला है इसकी स्पष्ट जानकारी अबतक नहीं मिला है।

 झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि बर्ड फ्लू के कुछ मामले समाचार पत्रों के माध्यम से प्रकाश में आए हैं। पशुपालन मंत्री इस पर संज्ञान लेंगे और यथा उचित कार्रवाई करेंगे। किसी को भी डरने की कोई जरूरत नहीं है। जब-जब बर्ड फ्लू आया है, मैंने ज्यादा मुर्गा खाया है।

आइए जानते हैं कि बर्ड फ्लू क्या है, कैसे फैलता है, इसके लक्षण क्या है और रोकथाम के उपाय क्या है?

1 एवियन इन्फ्लुएंजा यानी बर्ड फ्लू क्या है?

बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लुएंजा के नाम से भी जाना जाता है। यह एक वायरल संक्रमण है जो न केवल पक्षियों को संक्रमित करेगा बल्कि यह वायरस मनुष्यों और अन्य जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है। अधिकांश वायरस पक्षियों तक ही सीमित हैं। H5N1 को पक्षियों के लिए घातक वायरस कहा जाता है और यह किसी वाहक के संपर्क में आने वाले मनुष्यों और जानवरों को आसानी से प्रभावित कर सकता है।

2 बर्ड फ्लू के लक्षण क्या है?

  • बुखार हो जाना.
  • मांसपेशियों में दर्द महसूस करना.
  • हर वक्त नाक बहना.
  • कफ की समस्या हो जाना.
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस करना.
  • सिर के दर्द से परेशान रहना.
  • आंख का लाल हो जाना (कंजंक्टिवाइटिस)
  • दस्त हो जाना.

3 बर्ड फ्लू को कैसे रोकें (रोकथाम)

  • स्वच्छता का पालन किया जाए तो बर्ड फ्लू जैसे संक्रमण से आसानी से बचा जा सकता है।
  • बिना मास्क के बाजार जाने से बचें, अधपका मुर्गी पालन और संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से एवियन इन्फ्लूएंजा हो सकता है। जितना हो सके इससे दूर रहें।
  • उचित स्वच्छता का अभ्यास करना और बार-बार हाथ धोते रहना चाहिए।
  • जो लोग संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आ सकते हैं, वे पीपीई किट जैसे एन-95 रेस्पिरेटर्स, एप्रन, ग्लव्स, बूट्स, हेड कवर, हेयर कवर और सेफ्टी गॉगल्स पहनने।
  • अच्छी श्वसन स्वच्छता जैसे छींकते और खांसते समय मुंह और नाक को ढंकना एवियन इन्फ्लूएंजा को और फैलने से रोक सकता है।
  • संक्रमित शख्स और संक्रमन वाली जगह से जाने से बचें।

बर्ड फ्लू की यह वंशावली 1996 के आसपास उत्पन्न हुई थी और पहली बार यह चीन में एक घरेलू बत्तख में पाया गया था। वायरस अपने आप में लगातार बदलाव करता रहता है और इसका पहला बड़ा जंगली पक्षी प्रकोप 2005 के आसपास मध्य एशिया के एक प्रमुख आर्द्रभूमि में हुआ था।

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