दिल्ली के कंझावला में हुए अंजलि एक्सीडेंट केस के आरोपियों पर हत्या की धारा लगाई जाएगी | गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को इस केस में 302 की धारा जोड़ने का निर्देश दिया है साथ ही पुलिस के तीन पीसीआर वैन और दो पैकेट में ड्यूटी पर तैनात 11 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है | मंत्रालय ने दिल्ली के डीसीपी हरेंद्र कुमार को जांच में ढील बरतने के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा है |
बता दें कि हरेंद्र कुमार ने कहा था कि यह मामला हत्या नहीं बल्कि हादसे का है दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शालिनी सिंह ने गृह मंत्रालय को मामले की जांच रिपोर्ट सौंपी है | इसके बाद मंत्रालय ने पुलिस को यह निर्देश दिए हैं इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यह हादसा नहीं हत्या है | आरोपियों को पता था कि कार के नीचे कोई फंसा है उसके बाद भी उन्होंने कार नहीं रोकी पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने भी माना था कि गाड़ी के नीचे अंजलि के फंसे होने की बात उन्हें मालूम थी | आरोपियों ने कहा कि हादसे के बाद उन्होंने कई बार कार का यू-टर्न लिया क्योंकि वह बहुत डर गए थे | उन्होंने यह भी माना कि गाड़ी में तेज म्यूजिक चलाने वाली कहानी झूठी थी |निधि को लेकर आगरा में उसके वकील मोहम्मद आसिफ आजाद ने बताया कि निधि पिछले 8 महीनों से गांजा तस्करी के केस में कोर्ट में पेश नहीं हुई सिर्फ यही नहीं निधि ने वकील से संपर्क भी नहीं किया |निधि को आगरा में गांजा तस्करी में जीआरपी ने पकड़ा था दिल्ली हादसे की जानकारी मिलते ही जीआरपी ने अपने रिकॉर्ड खंगाले पता चला कि 6 दिसंबर 2020 को आगरा कैंट स्टेशन पर निधि को पकड़ा गया था वहां से उसे जेल भेज दिया गया था | हादसे के वक्त अंजलि के साथ निधि भी स्कूटी पर सवार थी 31 दिसंबर की रात करीब 1:30 बजे इलाके में अंजली का एक्सीडेंट हुआ था पुलिस के मुताबिक अंजलि स्कूटी से घर लौट रही थी तभी कार सवार ने टक्कर मार दी थी | युवक कार लेकर भाग निकले कार के नीचे फंसी रही उसे 12 किलोमीटर तक कार के नीचे फंसी रही जबकि 4 किलोमीटर की बात सामने आई थी | बाद में खुलासा हुआ उसकी दोस्ती भी थी और उसे मामूली चोटें आई लेकिन हादसे के बाद वह मौके से भाग गई थी |