ठंड से जनजीवन प्रभावित
ठंड से निजात के लिए गर्म कपड़ों में लिपटे लोग
शाम होते ही बाजारों में पसरा सन्नाटा
कृष्णा करमाली रजरप्पा
रांची/रामगढ़। राजधानी समेत राज्य के कई इलाके कोहरे की चपेट में हैं। पिछले एक सप्ताह से लगातार बढ़ती ठंड ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर रखा है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अगले दो-तीन दिन तक और पारा गिरने के आसार हैं। रजरप्पा कोयलांचल के लोगों के सुबह की शुरूआत दो-तीन दिनों से घने कोहरे के बीच हो रही है। आज रजरप्पा व चितरपुर सहित अन्य क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहा। ठंड से निजात पाने के लिए लोग गर्म कपड़ों से लिपटे नजर आ रहे हैं। वहीं जगह-जगह लोग अलाव जलाकर भी ठंड से राहत पाने के प्रयास में जुटे रहे। बाजारों में कोयला, गर्म कपड़े, टोपी, हीटर की बिक्री तेज हो गई है। मौसम विभाग से जारी अपडेट में बताया गया है कि अगले तीन-चार दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान चार से पांच डिग्री तक गिरावट आ सकती है। जानकारी के अनुसार उत्तरी भारत में बर्फबारी के कारण ठंड बढ़ी है। घने कोहरे और कड़ाके की ठंड से आम जनमानस परेशान हो रहे है।
ठंड से बचे बच्चें और बुजुर्ग
फिजिशियन के अनुसार इस समय कोल्ड डायरिया के मरीजों की संख्या अधिक हो जाती है। ऐसे में प्रयास करें की बचाव के लिए शरीर के हिस्से ढककर रखे। ठंडे पानी का सेवन न करें। ठंडी महसूस होने पर चाय, काफी या गरम चीजों का सेवन करें। बुजुर्ग व बच्चे बाहर न निकले।
अजवाइन का रोज करें सेवन
वैद्य डा. का कहना है कि यदि शीत से बचना है तो प्रतिदिन सुबह शाम एक एक चम्मच अजवाइन का सेवन अवश्य करें। यदि शीत का असर दिखे तो शंख भस्म एक रत्ती व कौड़ी भस्म एक रत्ती गर्म पानी या शहद के साथ सेवन करें। खांसी आने पर तुलसी की 21 पत्ती सुबह व शाम चबा कर गर्म पानी पीएं।
होमियोपैथिक दवाएं भी करते हैं सर्दी से बचाव
सर्द से निजात दिलाने होमियोपैथिक दवाएं भी काफी कारगर हैं। डॉ. का कहना है कि ठंड लगने की आंशका होते ही तुरन्त एकोनाइट नैपलस नामक दवा का प्रयोग करें। यदि शीत का असर हो जाए तो आर्सेनिक नामक दवा काफी लाभप्रद होगी।