सरकारों ने कॉरिडोर के नाम पर पुरोहितों व मंदिरों से छेड़छाड़ शुरू कर दी है : पाठक

By | December 16, 2022
deoghr

अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा का दो दिवसीय अधिवेशन कल से देवघर में

मंदिरों से प्राप्त राशि पुरोहितों के हित में और गरीबों की चिकित्सा व शिक्षा में खर्च हो

देवघर। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा का दो दिवसीय अधिवेशन कल 17 दिसंबर से देवघर के समाजबाड़ी में हो रहा है। अधिवेशन में देशभर के तीर्थस्थलों से करीब 1000 तीर्थ पुरोहित हिस्सा लेंगे। शनिवार की सुबह 8:30 बजे नेहरु पार्क से भव्य शोभा यात्रा निकाली जायेगी। अधिवेशन में शामिल होने देवघर पहुंचे महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने कहा कि देश की सरकारें हिंदुओं के तीर्थ स्थलों को अधिग्रहण कर रही हैं। लेकिन गैर हिंदुओं के तीर्थस्थलों को नहीं। सरकार जल्द अगर मठ-मंदिरों को अधिग्रहण मुक्त नहीं करेगी, तो इसके लिए जोरदार आंदोलन होगा। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने कहा कि इससे पहले संघर्ष के कारण ही चारधाम श्राइन बोर्ड का बिल वापस हो चुका है और चारधाम यात्रा अब पूरी तरह से वहां के पुरोहितों के हाथ में है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सरकारों ने कॉरिडोर के नाम पर पुरोहितों व मंदिरों से छेड़छाड़ करना प्रारंभ कर दिया है। मथुरा में भी हमने सीएम को वहां आने से मना कर दिया। उनके सामने प्रस्ताव रखा है कि जब तक तीर्थ क्षेत्र को श्राइन बोर्ड से मुक्त रखने की घोषणा नहीं करते हैं। तब तक आप यहां नहीं आ सकते। हम पुरोहित विकास के विरोधी नहीं है, लेकिन सरकार शब्द का खेल कर तीर्थ स्थलों का नक्शा खराब कर रही है, यह बर्दाश्त के बाहर है। तीर्थ स्थलों का डेवलपमेंट तीर्थ पुरोहितों व वहां रहने वाले लोगों के हित का ख्याल रखते हुए किया जाये। मंदिरों से प्राप्त आमदनी को मंदिरों में प्रभावी अधिकारी इसे दूसरे कामों में लगा रहे हैं। यहां से प्राप्त राशि का उपयोग पुरोहितों के हित व वहां रहने वाले गरीब आम लोगों की शिक्षा, चिकित्सा आदि पर खर्च हो न कि राज्य की अन्य योजनाओं पर। महासभा हिंदुओं के तीर्थ स्थलों को मुक्त करने के लिए कोर्ट जा रही है। इस अवसर पर पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष डॉ सुरेश भारद्वाज, तीर्थ पुरोहित महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवीन नागर, धर्मरक्षिणी सभा के वरीय उपाध्यक्ष संजय मिश्रा, मनोज मिश्रा, महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर, मंत्री अरुणानंद झा, नुनु भाई मिश्र, राजदेव मिश्र आदि मौजूद थे।

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