झारखंड शिक्षा परियोजना ने निकाला मनमाना टेंडर डॉक्यूमेंट
सिर्फ दो ब्लैकलिस्टेड कंपनियां ही हो सकती है इसमें शामिल
कक्षा एक से आठ तक के 37.78 लाख बच्चों में बंटना है बैग
गांडीव ब्रेकिंग
रांची। झारखंड शिक्षा परियोजना (जेईपीसी) ने सरकारी स्कूल के बच्चों के बीच मुफ्त बांटने केलिए स्कूल बैग का टेंडर निकाला है। लगभग 57 करोड़ के इस टेंडर के निकलने के पहले ही खेल शुरु हो चुका है। शिक्षा परियोजना द्वारा आठ सितंबर 2021 को निकाले गये इस टेंडर में देश की मात्र दो कंपनियां ही शामिल हो सकती हैं। कारण, इस टेंडर में ऐसे-ऐसे शर्त डाले गये हैं, जिनको पूरा करना देश की बैग मैनुफैक्चरिंग कंपनियों या बैग ट्रेडिंग कंपनियों के लिए संभव ही नहीं है। टेंडर डॉक्यूमेंट में जेईपीसी न तो पूरा सेंट्रल गाइडलाइन को फॉलो कर रही है, न ही स्टेट गाइडलाइन को पूरा का पूरा फॉलो किया गया है।
डिमांड बढ़ा तो टर्नओवर क्यूं घटा
इससे पहले 2019 में लगभग 50 करोड़ के बैग का टेंडर जेईपीसी ने जारी किया था। तब टेंडर में 80 करोड़ के टर्नओवर की डिमांड की गयी थी, इस बार लगभग 57 करोड़ के बैग के लिए मात्र 50 करोड़ के टर्नओवर की मांग की गयी है। 2019 में पिछले तीन साल तक औसत टर्नओवर 80 करोड़ मांगा गया था, जबकि इस बार पांच साल तक प्रत्येक साल 50 करोड़ का टर्नओवर मांगा जा रहा है। यह सीवीसी गाइडलाइन का भी उल्लंघन है। सीवीसी गाइडलाइन के अनुसार दो साल तक टेंडर वैल्यू का डेढ़ गुणा टर्नओवर होना चाहिए।
15 करोड़ के सिंगल आर्डर पर भी सवाल
जेईपीसी ने टेंडर में 15 करोड़ के सिंगल आर्डर का शर्त लगाया है। यह सिंगल आर्डर पिछले पांच साल में कम से कम तीन आर्डर होना चाहिए। हालांकि, वर्ष 2019 के टेंडर डॉक्यूमेंट में टोटल बैग के 10 फीसदी का सप्लायर होना शर्त था। इस बार जो शर्त लगाया गया है, वह देश की महज दो कंपनियां ही पूरी कर सकती है, जो दोनों कंपनियां एक ही मालिक की हैं। इससे साफ लगता है कि जेईपीसी ने टेंडर डॉक्यूमेंट तैयार करने में इन दोनों कंपनियों को फायदा पहुंचाने का लक्ष्य पहले से तय कर रखा था।