गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा कृष्णा नगर कॉलोनी में आज सिख पंथ के पांचवे गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी महाराज का 460वां प्रकाश पर्व मनाया गया.
गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा, कृष्णा नगर कॉलोनी में आज सिख पंथ के पांचवे गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी महाराज के 460 में प्रकाश पर्व के उपलक्ष में विशेष दीवान सजाया गया.विशेष दीवान की शुरुआत सुबह 8:00 बजे हजूरी रागी जत्था महिपाल सिंह जी एवं साथियों द्वारा ” तेरे भरोसे प्यारे मैं लाड लडाया………….” एवं ” सा धरती भई हरियालवी जिथे मेरा सतगुर बैठा आए…………….” तथा ” धन धन सो जननी जिन गुरु जनिया माये…………..” शबद गायन किया गया.
गुरु घर के सेवक मनीष मिढ़ा ने श्री गुरु अर्जन देव जी की जीवनी के बारे में बताते हुए कहा की इनका जन्म सन 1563 में पंजाब के गोइंदवाल शहर में हुआ और सिख इतिहास में पहली शहादत इन्हीं की हुई.इन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का सन 1604 में प्रथम प्रकाश किया. श्री सुखमनी साहिब जी के पाठ की रचना भी इन्होंने ही की थी.श्री दरबार साहिब,अमृतसर की शुरुआत सन 1577 में चौथे गुरु श्री गुरु राम दास जी ने की और सरोवर का निर्माण कराया.पांचवें श्री गुरु अर्जुन देव जी ने इसकी स्थापना की.श्री हरमंदिर सहिब जी का निर्माण सन 1581 में शुरू हुआ था, मंदिर के पहले संस्करण को पूरा करने में आठ साल लगे थे.सन 1803 में महाराजा रणजीत सिंह जी ने दरबार साहिब में 162 सेर सोना लगवाया और इसमें सत्ताईस साल लगे तब से इसे स्वर्ण मंदिर कहा जाने लगा.श्री गुरु अर्जुन देव जी ने परिसर में प्रवेश करने से पहले विनम्रता पर जोर देने के लिए मंदिर को शहर की जमीन से कुछ निचले स्तर पर रखने की योजना बनाई. उन्होंने दरबार साहिब के परिसर को हर तरफ खुला बनवाया और इस बात पर जोर दिया कि यह सभी के लिए खुला है.
सत्संग सभा के सचिव अर्जुन देव मिढ़ा ने समूह साध संगत को प्रकाश पर्व की बधाई दी.
श्री अनंद साहब जी के पाठ,अरदास, हुकुमनामा एवं कढ़ाह प्रसाद वितरण के साथ विशेष दीवान की समाप्ति सुबह 9.45 बजे हुई.सभा द्वारा इस मौके पर मिष्टान्न प्रशाद का लंगर चलाया गया.
सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि सिख पंथ के चौथे गुरु धन धन श्री गुरु अमरदास जी का पावन प्रकाश पर्व 15 मई को सत्संग सभा द्वारा मनाया जाएगा और इस उपलक्ष्य में सहज पाठों की लड़ी 9 मई से शुरू होगी.
आज के दीवान में सुंदरदास मिढ़ा, द्वारकादास मुंजाल, जीवन मिढ़ा, मोहन काठपाल, मोहन लाल अरोड़ा,नरेश पपनेजा,विनोद सुखीजा,बसंत काठपाल,लक्ष्मण सरदाना,हरीश मिढ़ा,हरगोविंद सिंह,वेद प्रकाश मिढ़ा,चरणजीत मुंजाल,महेंद्र अरोड़ा,अनूप गिरधर, जीतू काठपाल,भगवान दास मुंजाल,राकेश गिरधर,पाली मुंजाल,राजेन्द्र मक्कड़,अमर मुंजाल,आशु मिढ़ा,अश्विनी सुखीजा,मनीष गिरधर,जसवंत चुचरा,रमेश पपनेजा,इंदर मिढ़ा,नीरज सरदाना,ज्ञान मादन पोतरा,नवीन मिढ़ा,रमेश तेहरी,बीबी प्रीतम कौर,बबली दुआ,गीता कटारिया,नीता मिढ़ा,रेशु गिरधर,मनौरी काठपाल,इंदु पपनेजा,मीना गिरधर,नीतू किंगर,ममता थरेजा,बिमला मिढ़ा समेत अन्य उपस्थित थे.