गाजीपुर | गाजीपुर के एमपी/एमएलए कोर्ट ने शनिवार को गैंगस्टर एक्ट के तहत मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनायी. साथ ही पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी पर अभी कोर्ट का फैसला नहीं आया है. उम्मीद है कि कोर्ट उनके खिलाफ 2 बजे तक फैसला सुना देगा. यूपी के बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड और व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा अपहरण के बाद मुख्तार और अफजाल पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था. इस मामले में 2007 में गैंगेस्टर एक्ट के तहत अफजाल अंसारी, उनके भाई माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और बहनोई एजाजुल हक पर गैंगेस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. एजाजुल हक का देहांत हो चुका है. इस मामले में 1 अप्रैल को सुनवाई पूरी हो गई थी. पहले इस मामले में पहले 15 अप्रैल को फैसला आना था, लेकिन बाद में तारीख को बढ़ाकर 29 अप्रैल कर दिया गया था. इस मामले में साल 2012 में गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ था.
29 नवंबर 2005 को गाजीपुर के भांवरकोल थाना अंतर्गत सियाड़ी गांव में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों पर एके-47 जैसे अत्याधुनिक असलहों से लगभग 400 राउंड से ज्यादा फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी गई थी. सातों लोगों का शव पोस्टमार्टम के लिए बीएचयू लाया जाने लगा तो भाजपा विधायक के समर्थक उग्र हो गए थे और जगह-जगह तोड़फोड़ व हिंसा की गई थी. भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद बलिया से लेकर मऊ, गाजीपुर और बनारस तक उनके समर्थकों में एक हफ्ते तक जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला था. हत्याकांड के विरोध में समर्थकों ने जगह-जगह आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा की थी.
जनवरी 1997 में कोयला व्यापारी और VHP कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा का उसके घर से अपहरण कर फिर हत्या की गई थी. जानकारी के मुताबिक, रूंगटा के परिवार से 5 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की गई थी. परिवार ने 1.5 करोड़ भी दे दिए थे लेकिन बाद में रूंगटा की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था.