रांची: सीएम हेमंत सोरेन नियोजन नीति को लेकर विपक्ष के विरोध सवाल जवाइ का सामना कर रहे थे. लेकिन अब मुख्यमंत्री अपने ही लोंगों के रडार पर आ गए है. बता दे इन दिनों झारखंड बजट सत्र में सदन के अंदर और बाहर नियोजन नीति को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. एक ओर जहां विपक्ष सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता तो वहीं दूसरी ओर इस मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरने में लगे झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम.
जी हां लोबिन ने सीएम पर निशाना साधा है और साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमें समझ में नहीं आता कि मुख्यमंत्री को बाहरियों से इतना प्रेम क्यों है. मालूम हो कि अपने ही सरकार के खिलाफ जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम ने इस मुद्दे को लेकर अपने तेवर कड़े कर लिए हैं. बताते चलें कि विधानसभा सत्र के दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये 60-40 का नियोजन नीति नहीं चलेगा. आगे कहा कि आज इसकी वजह से यहां के युवक-युवतियां परेशान हैं और खलबली है कि आखिर क्या हो रहा है.
आखिर ये 60-40 नियोजन नीति क्या है इसे सरकार को स्पष्ट करना चाहिए. वहीं अपनी ही सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस सरकार द्वारा सदन की अवमानना की जा रही है. बताते चलें कि जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम ने नियोजन नीति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि खतियान आधारित नियोजन नीति होना चाहिए. स्थानीय परति पर बोलते हुए लोबिन ने कहा कि हम लगातार इसकी मांग कर रहे हैं कि जिसके हाथ में खतियान होगा वही स्थानीय होगा और नियोजन नीति का लाभ उसे मिलेगा.
यह 60-40 की नियोजन नीति नहीं चलेगा . क्या यह मुख्यमंत्री का प्रसाद है जो लोग ग्रहण कर लेंगे. अपने बागी तेवर दिखाते हुए लोबिन ने कहा कि झारखंड की जनता किसी भी सूरत में इसे स्वीकार नहीं करेगी और इसको लेकर हमारा विरोध जारी रहेगा. बताते चलें , साहिबगंज के बोरियो विधानसभा क्षेत्र के झामुमो विधायक झारखंड बचाओ मोर्चा के सुप्रीमो लोबिन हेंब्रम अपनी सरकार के खिलाफ हमेशा बोलते रहे हैं.
फिर चाहे वो 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति हो या नियोजन नीति का मुद्दा लोबिन सड़क से लेकर सदन तक में अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं. लोबिन के इस बागी तेवर के कारण झारखंड मुक्ति मोर्चा के अंदर कई बार लोबिन हेंब्रम पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बातें उठती रही. मगर अब तक ऐसा नहीं हो सका है. ऐसे में लोबिन हेंब्रम का 60-40 नियोजन नीति को लेकर दकए गए बयान ने सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते है.