7-10वीं जेपीएसी की मेंस परीक्षा स्थगित

By | January 25, 2022

तीन सप्ताह में पीटी की संशोधित रिजल्ट जारी किया जाएगा
अगली सुनवाई 15 फरवरी को

रांची। झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में 7वीं जेपीएससी की पीटी परीक्षा में आरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार और जेपीएससी ने झारखंड हाईकोर्ट से कहा कि वादी की ओर से उठाया गया मुद्दा, बिल्कुल सही है। जेपीएससी की ओर से प्रारंभिक परीक्षा में दिया गया आरक्षण गलत है। इसलिए झारखंड सरकार फिलहाल मुख्य परीक्षा को स्थगित कर रही है। जेपीएससी की ओर से पीटी परीक्षा की समीक्षा के बाद संशोधित रिजल्ट जारी किया जाएगा। कुमार सन्यम की ओर से यह कहते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, कि जेपीएससी ने पीटी परीक्षा में आरक्षण दे दिया है। जबकि इस तरह का झारखंड सरकार के पास कोई नियमावली नहीं है।

15 फरवरी को होगी मामले में दोबारा सुनवाई

महाधिवक्ता राजीव रंजन ने सरकार का पक्ष रखा और कहा कि तीन सप्ताह में प्रारंभिक परीक्षा का संशोधन से संबंधित निर्णय के लिए समय दिया जाए। इस पर अदालत ने उन्हें तीन सप्ताह का समय दिया है। अदालत ने कहा है कि इसपर अब अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी।
बिना नियम के दिया आरक्षण का लाभ
चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में बहस के दौरान उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने ऐसी कोई नीति नहीं बनाई है, जिसके तहत प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का लाभ दिया जा सकता है। इसके बावजूद प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का लाभ दिया गया है।

सोमवार को कोर्ट ने पूछा तथा आरक्षण के बारे में
सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में 7वीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिए जाने के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान अदालत ने जेपीएससी से जवाब मांगा था। अदालत ने जेपीएससी से पूछा था कि 7वीं जेपीएससी में कैटेगरीवाइज कितनी सीटें थी। प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है या नहीं। वहीं, कितने आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी सामान्य कैटगरी में चयनित हुए हैं। इस सभी बिंदुओं पर जेपीएससी को जवाब देना था।

सातवीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा 28 जनवरी को थी निर्धारित
इस दौरान उनकी ओर से मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने और प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को रद्द करने की मांग की गई थी। इस पर जेपीएससी की ओर से जवाब दाखिल करने का समय मांगा गया था। ज्ञात हो कि 7वीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा 28 से 30 जनवरी तक निर्धारित थी।

क्‍या कहा था झारखंड हाईकोर्ट ने वर्ष 2021 में
गुलाम सादिक के मामले में 16 जून 2021 को हाई कोर्ट की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि झारखंड सरकार के अनुसार जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने की कोई नीति है। वहीं, वर्ष 2015 में लक्ष्मण टोप्पो के मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने कहा था कि प्रारंभिक परीक्षा में झारखंड सरकार की नीति आरक्षण देने की नहीं है। कोर्ट आरक्षण देने का आदेश नहीं दे सकता। कहा गया कि सामान्य श्रेणी में 114 सीट थी। इसके पंद्रह गुना (1710) परिणाम जारी होना चाहिए, लेकिन मात्र 768 का ही चयन किया गया है। इससे प्रतीत होता है कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है।

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