रांची। निर्दलीय विधायक सरयू राय ने राज्यपाल के इस फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि 1932 खतियान सरकार के लिए एक मृग मरीचिका साबित हो रही है और मृग मरीचिका के पीछे भागने वाले की प्यास कभी नहीं बुझती । सरयू राय ने इसे शेर की सवारी बताते हुए कहा कि शेर की सवारी ज्यादा देर तक नहीं हो सकती । उन्होने मुख्यमंत्री से अपील की कानूनविदों से राय लेकर इसे जल्द दुरूस्त किया जाये। सरयू राय ने कहा कि एक समूह को बाहरी बता कर हवा में तलवार लहराने से कोई समाधान नहीं निकलने वाला।