तमिलनाडु से चोरी हुई करीब 1000 साल पुरानी भगवान शिव की कालसंहार मूर्ति अमेरिका से वापस लाने की प्रकिया शुरू हुई है. यह मूर्ति तंजावुर स्थित काशी विश्वनाथ स्वामी मंदिर से 50 साल पहले चोरी हुई थी. राज्य पुलिस की सीआईडी द्वारा बनाई मूर्ति विंग ने मूर्ति वापसी के लिए कानूनी प्रस्ताव व दस्तावेज अमेरिका भेजे हैं. अमेरिकन नीलामी कंपनी क्रिस्टीज की ओर नीलामी के लिए करीब 35.19 करोड़ रुपये मूल्य तय किया गया है. कंपनी की वेबसाइट पर प्रदर्शित भी है.
मूर्ति को वर्ष 1050 की चोल-कालीन माना जा रहा है. 82.3 सेमी ऊंची यह मूर्ति कांसे की बनी है. इसमें शिव त्रिपुराविजय रूप और विजयी भाव में हैं. उनका शरीर त्रिभंग रूप में है. इसे त्रिपुरांतक मूर्ति भी कहा जाता है. मूर्ति की चोरी की बात छह नवंबर 2020 को तब सामने आई जब चेन्नई पुलिस ने मंदिर के कार्यकारी अधिकारी जी सुरेश से एक अन्य मूर्ति की चोरी के बारे में पूछताछ की गई. उन्होंने बताया कि कालसंहार मूर्ति 50 साल पहले चोरी हो चुकी है, इसकी जगह नकली मूर्ति रख भक्तों से पूजा करवाई जा रही है. जिसके बाद मूर्ति की तलाश शुरू की गई. दुनिया भर के संग्रहालयों, नीलामी कंपनियों, निजी संग्रहकर्ताओं के पास तलाशा गया तो यह क्रिस्टीज की वेबसाइट पर नजर आई. जिसके बाद वापसी की प्रक्रिया शुरू की गई है.